Kisan Farmers गेहूं की किसान कटाई करते समय इन बातों का किसानों को जरूरी रखना होगा ध्यान नहीं तो गेहूं में होगा अधिक नुकसान

Kisan Farmers गेहूं की किसान कटाई करते समय इन बातों का किसानों को जरूरी रखना होगा ध्यान नहीं तो गेहूं में होगा अधिक नुकसान

गेहूं की कटाई का समय अब चल रहा है अप्रैल महीने में किसान गेहूं की कटाई कर रहे हैं कई जगहों पर गेहूं की कटाई शुरू हो गई है तो कई जगहों पर गेहूं की कटाई ख़त्म हो चुकी है किसानों का मानना है कि अगर कटाई देर से की जाए तो उन्हें इस बार गेहूं की अधिक पैदावार मिल सकती है इसी कड़ी में IARI दिल्ली के कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की खेती करने वाले किसानों के लिए गेहूं की कटाई को लेकर महत्वपूर्ण सलाह जारी की है ताकि किसानों को गेहूं की कटाई से अधिक लाभ मिल सके

harvesting wheat
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किन बातों का ध्यान रखना चाहिए गेहूं की कटाई करते समय किसानों को

गेहूं किसानों के लिए गेहूं कटाई को लेकर पूसा वैज्ञानिकों ने जारी की सलाह इसमें किसानों को गेहूं की कटाई करते समय जिन बातों का ध्यान रखने की सलाह दी गई है वे इस प्रकार हैं-

  • पूसा के वैज्ञानिक डॉ. राजीव कुमार सिंह के अनुसार गेहूं की कटाई के लिए सुबह का समय सबसे उपयुक्त समय माना जाता है। ऐसे में किसानों को सुबह के समय गेहूं की कटाई कर लेनी चाहिए।
  • यदि गेहूं की कटाई हाथ से की जा रही हो तो फसल के बंडल को 3 से 4 दिन के लिए खेत में छोड़ देना चाहिए ताकि सूखने के बाद उसमें नमी की मात्रा कम हो सके।
  • किसानों को अप्रैल के अंत तक गेहूं की सभी किस्मों की कटाई कर लेनी चाहिए।
    जो किसान गेहूं की फसल को दरांती, दरांती या रीपर मशीन से काटना चाहते हैं
  • उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि कटाई करते समय फसल को सतह से 4 से 5 सेमी ऊपर से काटें
  • किसान नीचे दी गई विधि से आसानी से पता लगा सकते हैं कि फसल कटाई के लिए तैयार है या नहीं।
  • यदि फसल काटते समय उन्हें बीजों से कटने की आवाज सुनाई दे तो समझ लें कि फसल कटाई के लिए पूरी तरह से तैयार है।
  • कटाई के समय अनाज में नमी की मात्रा 15 से 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • यदि कटाई के दौरान कहीं भी बीज में नमी अधिक दिखाई दे तो उसे खेत में ही छोड़ देना चाहिए और लगभग चार से पांच दिनों तक सूखने देना चाहिए। सूखने के बाद ही इसकी मड़ाई करनी चाहिए
  • यदि किसान देर से फसल काटते हैं, तो इससे फसल की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा पक्षियों और चूहों से भी फसल को नुकसान हो सकता है।

गेहूं बीज उत्पादक किसानों के लिए सलाह

पूसा इंस्टीट्यूट के डॉ. राजीव कुमार के अनुसार जो किसान इस समय गेहूं के बीज के उत्पादन में लगे हैं उन्हें सलाह दी जाती है कि वे रोगिंग यानी अवांछित पौधों को खेत से हटा दें क्योंकि बीज उत्पादन की गुणवत्ता अच्छी होती है रखरखाव के लिए गेहूं की कटाई से पहले एक या दो बार निराई करके अवांछित पौधों को हटा देना चाहिए ताकि बीज की गुणवत्ता बनी रहे रोगिंग से किसान को बहुत लाभ होता है गेहूँ की एक बाली में लगभग 50-55 दाने होते हैं

यदि इसमें कम संख्या में भी अवांछित पौधे पाए जाते हैं तो इससे बीज की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है जो बीज उत्पादक किसान के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि बेहतर गुणवत्ता वाले बीज बोकर ही अच्छी फसल का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है आपको बता दें कि कई किसान अपना खुद का बीज तैयार करते हैं और अगली बुआई के लिए उसका इस्तेमाल करते हैं इसलिए ऐसे में गेहूं के बीज की गुणवत्ता बनाए रखने पर विशेष जोर दिया जाता है

देश में कितना गेहूं इस बार उत्पादन होने की उम्मीद है

फसल वर्ष 2023-24 में भारत में गेहूं का उत्पादन 114 मिलियन टन होने का अनुमान है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड होगा ऐसे में सरकार ने इस बार रबी विपणन सीजन 2024-25 में पिछले साल की तुलना में 7 गुना गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदने का लक्ष्य रखा है इस बार सरकार का लक्ष्य 310 लाख टन गेहूं खरीदने का है

 

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