आज इस लेख के माध्यम से हम आपको उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के लघु एवं सीमांत किसानों के हित में चलाई जा रही यूपी फ्री बोरिंग योजना के बारे में बताने जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में कई छोटे और सीमांत किसान हैं जो अपने खेतों की सिंचाई करते समय पानी की कमी का सामना करते हैं। जिससे उन्हें सिंचाई में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 1985 में यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना प्रारंभ की। इस योजना के माध्यम से राज्य के किसानों को उनके खेतों में नि:शुल्क बोरिंग की व्यवस्था की जाती है। तो आइए जानते हैं यूपी फ्री बोरिंग योजना 2023 से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे इसका उद्देश्य, लाभ और विशेषताएं, पात्रता, महत्वपूर्ण दस्तावेज और आवेदन प्रक्रिया आदि के बारे में।
UP Nishulk Boring Yojana 2023
वर्ष 1985 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के लघु एवं सीमांत किसानों को बोरिंग सुविधा प्रदान करने के लिए यूपी फ्री बोरिंग योजना शुरू की गई थी। उ0प्र0 निशुल्क बोरिंग योजना के माध्यम से सामान्य जाति एवं अनुसूचित जाति/जनजाति के लघु एवं सीमान्त कृषकों को सिंचाई हेतु बोरिंग की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। बोरिंग के लिए पंप सेट की व्यवस्था के लिए किसान द्वारा बैंक से ऋण भी प्राप्त किया जा सकता है। इस योजना का लाभ सामान्य वर्ग के लघु एवं सीमान्त कृषकों को तभी दिया जायेगा जब उनके पास न्यूनतम जोत सीमा 0.2 हेक्टेयर हो। इस योजना का लाभ 0.2 हेक्टेयर से कम भूमि वाले सामान्य वर्ग के कृषकों को नहीं दिया जायेगा। यदि किसानों के पास 0.2 हेक्टेयर से कम जोत है तो किसान समूह बनाकर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छोटे और सीमांत किसानों के लिए कोई न्यूनतम जोत सीमा निर्धारित नहीं की गई है। प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में जहां हैंड बोरिंग सेट से बोरिंग करना संभव नहीं है, वहां इनवैल या वैगन ड्रिल मशीन से बोरिंग करने की अनुमति दी जायेगी. ऐसी स्थिति में किसानों को अनुमत सीमा तक ही अनुदान दिया जायेगा। अतिरिक्त आय व्यय का भार कृषक स्वयं वहन करेगा।
UP Nishulk Boring Yojana Key Highlights
लेख का नाम | यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना आवेदन फॉर्म डाउनलोड |
साल | 2023 |
राज्य का नाम | उत्तर प्रदेश |
विभाग | लघु सिंचाई विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार |
योजना का नाम | निःशुल्क बोरिंग योजना |
लाभार्थी | राज्य के सभी किसान नागरिक |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन |
आधिकारिक वेबसाइट लिंक | http://minorirrigationup.gov.in/ Click Here |
यूपी नि:शुल्क बोरिंग योजना का उद्देश्य
यूपी नि:शुल्क बोरिंग योजना का उद्देश्य प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसानों को सिंचाई सुविधा हेतु पम्पसेट स्थापित करने हेतु अनुदान प्रदान करना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान कर सिंचाई सुविधा प्रदान करना है। यूपी नि:शुल्क बोरिंग योजना/नलकूप योजना के माध्यम से किसान अपने खेतों में पंप सेट लगा सकेंगे जिससे सिंचाई सुचारू रूप से हो सकेगी। फलस्वरूप खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि होगी और आर्थिक विकास भी बढ़ेगा। साथ ही किसान आत्मनिर्भर भी बनेंगे।
उत्तर प्रदेश फ्री बोरिंग योजना आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज
आवेदक का आधार कार्ड
पासपोर्ट साइज फोटो
बैंक खाता पासबुक
जाति प्रमाण पत्र
भूमि संबंधित दस्तावेज (नवीनतम खतौनी 61 ख, खसरा)
आयु प्रमाण पत्र
आय प्रमाण पत्र
मोबाइल नंबर
UP Nishulk Boring Yojana 2023 की पात्रता
- आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- आवेदक किसान होना चाहिए।
- किसान के पास न्यूनतम जोत की सीमा 0.2 हेक्टेयर होनी चाहिए।
- यदि किसान के पास न्यूनतम 0.2 हेक्टेयर की जोत सीमा नहीं है तो समूह बनाकर किसान इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकता है।
- इस योजना का लाभ तभी प्राप्त किया जा सकता है जब किसान द्वारा किसी अन्य सिंचाई योजना का लाभ प्राप्त न किया गया हो।
UP Nishulk Boring Yojana के अंतर्गत अनुमन्य अनुदान
कृषक की श्रेणी | अनुमन्य अनुदान | अनुमन्य अनुदान |
बोरिंग निर्माण हेतु | पंपसेट स्थापना हेतु | |
सामान्य श्रेणी के लघु कृषक | अधिकतम ₹3000 प्रति बोरिंग | यूनिट कास्ट ₹11300 का 25% अधिकतम ₹2800 प्रति पंप सेट |
सामान्य श्रेणी के सीमांत कृषक | अधिकतम ₹4000 प्रति बोरिंग | यूनिट कास्ट ₹11300 का 33% अधिकतम ₹3750 प्रति पंप सेट |
अनुसूचित जाति/जनजाति के लघु/सीमांत कृषक | अधिकतम ₹6000 प्रति बोरिंग | यूनिट कास्ट ₹11300 का 50% अधिकतम ₹5650 प्रति पंप सेट |
निशुलक बोरिंग योजना यूपी के लाभ और विशेषताएं
- यूपी मुफ्त बोरिंग योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 1985 में की गई थी।
- इस योजना के माध्यम से सामान्य जाति, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लघु एवं सीमान्त कृषकों को सिंचाई हेतु बोरिंग की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है।
- साथ ही किसानों को बोरिंग के लिए पंप सेट की व्यवस्था के लिए बैंकों से ऋण भी उपलब्ध कराया जाता है।
- न्यूनतम 0.2 हेक्टेयर जोत सीमा वाले सामान्य जाति के किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। यदि किसी भी स्थिति में किसानों की जोत
- सीमा 0.2 हेक्टेयर से कम है तो वे किसान समूह बनाकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए भूमि जोत की कोई सीमा नहीं है।
- यूपी निशुल्क बोरिंग योजना के माध्यम से राज्य के किसानों को पर्याप्त मात्रा में अच्छा पानी मिल रहा है, जिससे फसलों की गुणवत्ता आ रही है।
- इस योजना से किसानों की आय में वृद्धि हो रही है जिससे किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना का आवेदन कैसे करें?
- आवेदक किसान को सबसे पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- जिसके बाद आपके सामने वेबसाइट का होम पेज खुल जाएगा।
- होम पेज पर What’s New के सेक्शन में जाएं और दिए गए विकल्पों में से डाउनलोड ऑप्शन पर क्लिक करें।
- जैसे ही आप क्लिक करेंगे आपके सामने आवेदन फॉर्म खुल जाएगा जिसे आप डाउनलोड कर उसका प्रिंट आउट रख सकते हैं।
- फॉर्म का प्रिंटआउट लेने के बाद फॉर्म में पूछी गई जानकारी भरें।
- इसके साथ ही फॉर्म में मांगे गए सभी दस्तावेजों की फोटोकॉपी भी अटैच करें।
- फॉर्म को पूरी तरह से भरकर प्रखंड विकास पदाधिकारी, तहसील या लघु सिंचाई विभाग के पास जमा करा दें.
- जिसके बाद आपकी आवेदन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।