उत्तर प्रदेश के राज्य विधि आयोग द्वारा जनसंख्या कानून तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से राज्य में जनसंख्या वृद्धि को रोका जा रहा है। उत्तर प्रदेश की जनसंख्या विश्व के अनेक राज्यों से अधिक है, जिसके कारण राज्यों के नागरिकों को उचित संसाधन उपलब्ध कराना कठिन हो जाता है। इसी समस्या को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा यूपी जनसंख्या अधिनियम तैयार किया गया है। इस लेख में यूपी जनसंख्या अधिनियम 2023 से संबंधित हर प्रकार की जानकारी को विस्तार से बताया गया है, इस प्रकार के जनसंख्या कानून का क्या प्रस्ताव है? अगर इसे लागू कर दिया जाता है तो इसके दायरे में आने वाले लोगों को क्या फायदा होगा? आदि। इसी तरह, जो नागरिक जनसंख्या अधिनियम के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, वे इस लेख को शुरू से अंत तक पूरा पढ़ें।
UP Jan Sankhya Kanoon 2023
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य में आखिरी बार जनसंख्या नीति वर्ष 2000 में आई थी, जिसे उद्देश्यों की पूर्ति के लिए वर्ष 2016 तक लागू किया गया था। हाल ही में योगी सरकार द्वारा नई जनसंख्या नीति लागू की गई है, जो वर्ष 2030 तक प्रभावी रहेगी। इस नीति का प्रारूप तैयार किया गया है, जिसमें यूपी जन सांख्य कानून 2023 से जुड़ी सभी मुख्य बातें लिखी गई हैं। दो संतान की नीति अपनाने वाले माता-पिता को कुछ सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा, जबकि किसी के दो से अधिक संतान होने पर उसे अपनी सरकारी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। दो से अधिक संतान होने का खामियाजा नागरिकों को भुगतना पड़ेगा।
Uttar Pradesh Jan Sankhya Kanoon 2023 Highlights
आर्टिकल का नाम | यूपी जनसंख्या कानून |
आरम्भ की गई | उत्तर प्रदेश सरकार |
वर्ष | 2023 |
लाभार्थी | उत्तर प्रदेश के नागरिक |
उद्देश्य | जनसंख्या को नियंत्रित करना |
लाभ | दो या दो से कम बच्चों वाले अभिभावकों के लिए प्रोत्साहन |
श्रेणी | राज्य सरकारी योजनाएं |
आधिकारिक वेबसाइट | http://upslc.upsdc.gov.in/ Click Here |
यूपी जन संख्या कानून का उद्देश्य
हम सभी नागरिक जानते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी जनसंख्या अधिनियम शुरू किया है, और इस योजना को शुरू करने का राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य में बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करना है, अगर राज्य सरकार इस नई योजना को शुरू करती है यूपी। यदि जनसंख्या नीति लागू की जाती है तो इसके द्वारा राज्य के परिवार नियोजन के उपायों को अपनाने वाले सभी परिवारों को विभिन्न प्रकार की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी तथा इस यूपी जनसंख्या कानून का उल्लंघन करने वाले सभी परिवारों को कई प्रकार की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। लाभ से वंचित रहेंगे। राज्य सरकार ने यह भी कहा है कि इस नई जनसंख्या नीति के लागू होने से राज्य की जनसंख्या कम होगी, जिससे संसाधनों का समान आवंटन होगा और इस कानून का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश में गरीबी को कम करना है।
UP 2 Child Policy के लाभ तथा विशेषताएं
- यूपी जनसंख्या कानून का प्रस्ताव राज्य विधि आयोग ने तैयार किया है।
- इस प्रस्ताव के माध्यम से उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानूनी उपाय सुझाए गए हैं।
- इस प्रस्ताव पर 19 जुलाई 2021 तक जनता की राय मांगी गई है।
- प्राप्त मत के आधार पर आयोग द्वारा विचार कर प्रस्ताव सरकार को सौंप दिया जायेगा।
- इस प्रस्ताव में दो या दो से कम संतान वाले माता-पिता को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
- इस प्रस्ताव में उन सभी अभिभावकों को, जिनके दो से अधिक बच्चे हैं, कई प्रकार की सुविधाओं से वंचित करने का प्रावधान है।
- अगर यह प्रस्ताव लागू हो जाता है तो सरकार को जनसंख्या नियंत्रण में मदद मिलेगी।
जनसंख्या विधेयक की सुविधाएं व कटौती
यहां हम आपको कुछ जानकारी देने जा रहे हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए यूपी जनसंख्या अधिनियम के तहत अगर आप बच्चे के अभिभावक हैं तो आपको क्या-क्या सुविधाएं दी जाएंगी-
एकल संतान वाले पब्लिक सर्वेंट के लिए
आपको बता दें कि जो नागरिक सरकारी नौकरी कर रहे हैं और जिनके बच्चे हैं और जो खुद बध्याकरण कराकर जनसंख्या कानून का पालन करते हैं, उनके लिए सरकार की तरफ से कुछ सुविधाएं दी जाएंगी. इन फीचर्स के बारे में आप नीचे दिए गए पॉइंट्स के जरिए समझ सकते हैं। ये इस प्रकार हैं –
- यदि किसी लोक सेवक की एक ही सन्तान है तो उस बालक को 20 वर्ष की आयु तक स्वास्थ्य देखभाल एवं बीमा की सुविधा दी जायेगी।
- एकल संतान को उच्च स्तरीय शिक्षा निःशुल्क प्रदान की जाएगी।
- लड़कियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रवृत्ति की सुविधा दी जाएगी।
- ऐसे लोक सेवक का वेतन बढ़ाया जाएगा।
- सिंगल चाइल्ड होने की स्थिति में बच्चे को सरकारी नौकरी में वरीयता दी जाएगी।
- तथा अन्य लाभ भी लाभार्थी को प्रदान किये जायेंगे।
दो संतान वालों के लिए
कैंडिडेट ध्यान दें अगर आपके भी दो बच्चे हैं तो आप दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़ें। यहां हमने आपको उन सुविधाओं के बारे में बताया है जो जनसंख्या कानून नीति से आपको मिलेगी। ये इस प्रकार हैं –
- दो बच्चों की नीति अपनाने वाले राज्य के नागरिकों को कई प्रकार के लाभ और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
- बच्चे के पैदा होने पर अगर माता-पिता खुद बधिया करवा लेते हैं तो उनके बच्चों को 20 साल तक शिक्षा, स्वास्थ्य, बीमा आदि सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
- ऐसे बच्चों को सरकारी नौकरी में भी तरजीह दी जाएगी।
- ऐसे नागरिकों को बिजली, पानी और हाउस टैक्स में कुछ छूट प्रदान की जाएगी।
- यदि बच्चे का अभिभावक सरकारी कर्मचारी है तो उसे आवास योजना में छूट, 2 वेतन वृद्धि एवं पदोन्नति का लाभ दिया जायेगा।
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार को कुछ मुख्य लाभ
यदि यूपी जनसंख्या कानून लागू हो जाता है, तो वे सभी नागरिक जो गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं और बच्चे के जन्म के बाद स्वेच्छा से अपनी या अपने जीवनसाथी की नसबंदी करवाते हैं, उन्हें सरकार द्वारा एकमुश्त राशि का भुगतान किया जाएगा। यह प्रावधान यूपी जनसंख्या कानून प्रस्ताव के तहत दिया गया है। अगर बच्चा लड़का है तो यह एकमुश्त राशि 80000 रुपये और अगर बच्चा लड़की है तो यह एकमुश्त राशि 100000 रुपये होगी।
यूपी जनसंख्या कानून 2023 का पालन नहीं करने के लिए श्रति
उन सभी नागरिकों को जो यूपी जनसंख्या कानून का पालन नहीं करेंगे उन्हें कोई प्रोत्साहन राशि प्रदान नहीं की जाएगी। इससे उन्हें निम्नलिखित निराशा का सामना करना पड़ेगा।
- कानून का पालन न करने वाले नागरिकों को सरकारी योजनाओं से बाहर रखा जा सकता है।
- राशन कार्ड में चार सदस्य ही शामिल हो सकते हैं।
- सरकारी अनुदान का लाभ भी नहीं दिया जाएगा
- स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित।
- सरकारी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे
- सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति नहीं होगी
UP Jansankhya Kanoon 2023 के अपवाद(Exception)
यदि यूपी जनसंख्या कानून लागू किया जाता है तो निम्नलिखित अपवाद शामिल किए जाएंगे।
- दूसरी गर्भावस्था से एकाधिक जन्म की स्तिथि
- यदि किसी व्यक्ति के पास दो बच्चे अपने हैं और तीसरा बच्चा गोद लिया है
- पहले या दूसरे बच्चे की विकलांगता की स्थिति
- पहले, दूसरे या दोनों बच्चों की मृत्यु हो जाने की स्थिति
- वह दंपति जो इस अधिनियम के प्रारंभ के समय तीसरे बच्चे से गर्भवती हो
- बहु विवाह की स्थिति
यूपी जनसंख्या कानून के कार्यान्वयन के लिए सरकार की जिम्मेदारियां
- परिवार नियोजन पद्धति के बारे में जागरूकता फैलाने के साथ-साथ गर्भावस्था, प्रसव, जन्म और मृत्यु का पंजीकरण सुनिश्चित करना।
- गर्भवती महिलाओं को आयरन व विटामिन के कैप्सूल देना व बच्चों का समय पर टीकाकरण व छोटे परिवार के लाभ की जानकारी देना।
- राज्य सरकार द्वारा इस योजना में समय-समय पर संशोधन किया जायेगा तथा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रसूति केन्द्र स्थापित किये जायेंगे।
- उत्तर प्रदेश सरकार स्कूली पाठ्यक्रम में जनसंख्या नियंत्रण विषय को शामिल करेगी और यह भी सुनिश्चित करेगी कि राज्य के नागरिकों को गर्भनिरोधक उपाय उपलब्ध हों।
- यदि किसी कारणवश नसबंदी ऑपरेशन सफल नहीं होता है तो ₹50,000 का बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।
- यदि नसबंदी ऑपरेशन के अभाव में बच्चे का जन्म होता है, तो ऐसी स्थिति में यूपी जनसंख्या अधिनियम का उल्लंघन नहीं माना जाएगा और
- दंपत्ति को सभी लाभ प्रदान किए जाएंगे।
- एक राज्य जनसंख्या कोष भी स्थापित किया जाएगा जिसके माध्यम से योजना को लागू किया जाएगा।
यूपी जन संख्या कानून ड्राफ्ट की मुख्य बाते
इस विषय पर यूपी जनसंख्या कानून के मसौदे में कुछ प्रमुख बिंदुओं पर जोर दिया गया है। इन बातों को ध्यान से पढ़िए, हम आपको नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से इसकी जानकारी देने जा रहे हैं। ये बिंदु इस प्रकार हैं-
- दो से अधिक संतान वाले माता-पिता को सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी। अब राशन कार्ड में परिवार के चार सदस्यों का ही नाम दर्ज होगा।
- सरकारी नौकरी में कार्यरत नागरिकों को शपथ पत्र देना होगा कि वे कानून नहीं तोड़ेंगे।
- दो से अधिक संतान होने पर पंचायत चुनाव और स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने पर रोक। यदि दो से अधिक बच्चे हैं तो ऐसे नागरिकों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाएगा।
- यदि किसी नागरिक के दो बच्चे हैं और दोनों विकलांग हैं और वे तीसरा बच्चा गोद लेना चाहते हैं तो ऐसी स्थिति में वे बच्चे को गोद ले सकते हैं, उस पर कोई रोक नहीं है। और ऐसे में तीसरे बच्चे को भी सभी सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा.
- अगर कानून लागू हो जाता है और महिला प्रसव के दौरान जुड़वां बच्चों को जन्म देती है तो ऐसी स्थिति में वह कानून के दायरे में नहीं आएगी।
- स्कूलों में बच्चों के पाठ्यक्रम में जनसंख्या नियंत्रण के बारे में पढ़ाने का सुझाव दिया जाएगा।
FAQ .
उत्तर प्रदेश जन संख्या कानून नीति क्या है ?
जन संख्या को किसके द्वारा शुरू किया गया है ?